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भगवान शिव जैसा भोला हृदय वाला इस संसार में कोई नहीं जो अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। भगवान शिव हिन्दू धर्म के मुख्य तीन देवताओं ब्रह्मा विष्णु और महेश में से एक हैं जिन्होंने संसार के कल्याण के लिए विष धारण कर लिया था और इसी कारण उनका कंठ नीला पद गया और उन्हें नीलकंठ कहा जाने लगा।
भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं और सदैव साधना में लीन रहते हैं। तीन आँखों वाले भगवान शिव मृगछाल धारण करते हैं, नंदी बैल की सवारी करते हैं और डमरू तथा त्रिशूल से सुशोभित हैं। जब शिव किसी दुष्ट पर क्रोधित हो जाते हैं तो उनकी तीसरी आँख खोलते हैं जिसका मतलब है सामने वाले प्राणी की मृत्यु। शिव का तीसरा नेत्र अपने समक्ष खड़े किसी भी प्राणी को क्षण भर में भस्म कर देता है। इतनी सारी शक्तियों का स्वामित्व प्राप्त होने के बाद भी भगवान शिव अत्यंत सरल ह्रदय के हैं और अपने भक्तों के लिए तो वो दया के सागर हैं।
अगर किसी शिव भक्त के ऊपर मुसीबत आ जाये तो भगवान शिव सदैव उसकी रक्षा करते हैं। भारत और पुरे विश्व में शिव जी का त्यौहार महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और पूजा पाठ और भजन करके अपने प्यारे प्रभु का सुमिरन करते हैं। भगवान शिव को कई नामों से पुकारा जाता है जैसे शिव, शंकर, भोलेनाथ, नीलकंठ, कैलाशवासी, महेश, श्रीकंठ, त्रिलोकेष इत्यादि। भगवान शिव का एक नाम गंगाधर भी है क्यूंकि उन्होंने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया हुआ है।
ऐसे कई मंत्र हैं जिसका जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जा सकती है। आइये जानते हैं भगवान शिव के कुछ महामन्त्रों के बारे में जो निश्चित ही शुभ फलदायक हैं और इनका नियमित जाप आपको अवश्य ही भगवान शिव के समीप लाएगा।
- मूलमंत्र : ॐ नमः शिवाय – ये भगवान शिव का मूल मंत्र है जिसे याद रख पाना बहुत आसान है और तीन अक्षर का होने के कारण इस मंत्र का अधिक संख्या में जाप कर पाना भी संभव है। भगवान शिव के सबसे लोकप्रिय मन्त्रों में से एक है ये मंत्र। इस मंत्र की १०८ माला का जाप करना आज की व्यस्त जीवन शैली में भी संभव है और आप १५ मिनट में ऐसा कर सकते हैं।
- महामृत्युञ्जय मंत्र : “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्” : ये मंत्र भगवान शिव के सबसे शक्तिशाली मन्त्रों में से एक है जिसमे अकाल मृत्यु को दूर करने और रोगों से रक्षा करने की शक्तियां हैं। ये मंत्र इतना शक्तिशाली है की मृत्युशैया पर बैठे हुए व्यक्ति के शरीर में भी जीवन का संचार कर सकता है।
- महामृत्युंजय गायत्री मंत्र : ” ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः ॐ सः जूं हौं ॐ ” इस मंत्र के जाप से महा फलों की प्राप्ति होती है क्यूंकि इसमें महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र दोनों की शक्तियों का समावेश है। गायत्री मंत्र की शक्तियों से आप अवश्य ही परिचित होंगे क्यूंकि ये हिन्दू धर्म के सबसे प्राचीन और शक्तिशाली वैदिक मन्त्रों में से एक है।
- रूद्र गायत्री मंत्र : “ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्” ये शिव मंत्र भी बहुत ही शक्तिशाली है अगर आपके जीवन में किसी प्रकार की कठिनाइयां या परेशानियां हैं तो आप इस मंत्र का जाप करें आपकी परेशानियां स्वतः समाप्त हो जाएंगी। किसी भी प्रकार के विघ्न बाधा में ये मंत्र आपकी सहायता करेगा।
- कर्पूर गौरम करूणावतारम : कर्पूर गौरम करूणावतारम संसार सारम भुजगेन्द्र हारम , सदा वसंतम हृदयारविंदे भवम भवानी सहितं नमामि इस महा शिव मंत्र में छुपी हैं अथाह शक्तियां, इसका नियमित जाप आपकी जीवन में खूब सहायता करेगा और शिव भक्ति से आप भवसागर को पार कर जाएंगे।
तो ये थे कुछ शक्तिशाली शिव मंत्र जिसके जाप से आप जीवन में सुख सम्पति और सफलता को आकर्षित कर सकते हैं और शिवकृपा प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी ही नियमित जानकारियों के लिए अजनाभ को सब्सक्राइब ज़रूर करें। आपके सहयोग और प्रेम के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिन्द।
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