जानिए Sai Baba Ki Aarti साईं बाबा की आरती जो हर साई भक्त के घर में गायी जाती है। वैसे तो साई बाबा की कई आरती हैं लेकिन यहाँ हम जो सबसे प्रचलित साईं बाबा की आरती के बारे में बताएँगे।
Sai Baba Ki Aarti साईं बाबा की आरती ( Aarti 1 )
आरती श्री साईं गुरुवर की
परमानन्द सदा सुरवर की
जा की कृपा विपुल सुखकारी
दुःख, शोक, संकट, भयहारी
शिरडी में अवतार रचाया
चमत्कार से तत्व दिखाया
कितने भक्त चरण पर आये
वे सुख शान्ति चिरंतन पाये
भाव धरै जो मन में जैसा
पावत अनुभव वो ही वैसा
गुरु की उदी लगावे तन को
समाधान लाभत उस मन को
साईं नाम सदा जो गावे
सो फल जग में शाश्वत पावे
गुरुवासर करि पूजा सेवा
उस पर कृपा करत गुरुदेवा
राम, कृष्ण, हनुमान रूप में
दे दर्शन जानत जो मन में
विविध धर्म के सेवक आते
दर्शन कर इच्छित फल पाते
जै बोलो साईं बाबा की
जो बोलो अवधूत गुरु की
`साईंदास` आरती को गावे
घर में बसि सुख, मंगल पावे
Sai Baba Ki Aarti साईं बाबा की आरती ( Aarti 2 )
आरती उतारें हम तुम्हारी साईं बाबा।
चरणों के तेरे हम पुजारी साईं बाबा।। – 2
विद्या बल बुद्धि, बन्धु माता पिता हो।
तन मन धन प्राण, तुम ही सखा हो।।
हे जगदाता अवतारे, साईं बाबा।
आरती उतारें हम तुम्हारी साईं बाबा।।
ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी।
ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी।।
सुन लो विनती हमारी साईं बाबा।
आरती उतारें हम तुम्हारी साईं बाबा।।
आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति।
सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति।।
शिरडी के संत चमत्कारी साईं बाबा।
आरती उतारें हम तुम्हारी साईं बाबा।।
भक्तों की खातिर, जनम लिये तुम।
प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम।।
दुखिया जनों के हितकारी साईं बाबा।
आरती उतारें हम तुम्हारी साईं बाबा।।
Aarti Sai Baba Lyrics Marathi साईं बाबा की आरती ( Aarti 3 )
आरती साई बाबा | सौख्यदातार जीवा. चरनरजातलि |
द्यावा दासा विसावा | भक्ता विसावा || आरती साई बाबा ||
अर्थ :- हम सब साई बाबा की आरती करे जो सभी जीवो को सुख देने वाले है |
हे साई बाबा, हम दासो और भक्तो को आप आपके चरणों की धुल हैं हमें आश्रय दें | हम सब साई बाबा की आरती गाते हैं।
जाणुनिया अनंग | सस्वरुपी राहे दंग |
मुमुक्षुजन दावी | निज डोळा श्रीरंग || १ || आरती…||
अर्थ :- हे साई ! आप काम और इच्छाओ को जलाकर आत्मरूप में लीन हैं | हे साई। मुक्ति की कामना करने वाले अपने नेत्रों से आप हमें विष्णु स्वरुप का दर्शन प्रदान करें ताकि हमें भी आत्म साक्षात्कार का मौका मिले। हम सब साई बाबा की आरती गाते हैं।
जया मनी जैसा भाव | तयातैसा अनुभव |
दाविसी दयाघना | ऐसी तूझी ही माव तुझी ही माव || २ || आरती…||
अर्थ :- जैसी मन में भावना हो उसे आप आप वैसा ही अनुभव कराते हैं | हे दया बरसाने वाले साई बाबा , आपकी तो माया ही ऐसी है | हम सब साई बाबा की आरती गाते हैं।
तुमचे नाम ध्याता | हरे संस्क्रुतिव्यथा |
अगाध तव कारणी। मार्ग दाविसी अनाथा , दाविसी अनाथा ॥ ३ ॥ आरती… ॥
अर्थ :- हे साई आपके नाम को अगर मनुष्य मन में बसा ले तो सभी सांसारिक व्यथाओं का अंत होना निश्चित है। आपकी किये गए कार्य तो अनंत और अपरम्पार हैं। हे साई, आप हम अनाथों को मार्ग प्रदर्शित करें। हम सब साई बाबा की आरती गाते हैं।
कलियुगी अवतार। सगुण परब्रह्म साचार।
अवतीर्ण झालासे। स्वामी दत्त दिगंबर दत्त दिगंबर | ४ ॥ आरती… ॥
अर्थ :- हे साई बाबा आप ही परब्रह्म हैं, जिसने इस कलियुग में सगुण रूप में अवतार लिया। हे स्वामी, आप ही दत्त दिगंबर (ब्रह्मा, विष्णु और महेश का एक रूप और श्री दत्तात्रेय ) के रूप मैं अवतरित हुए। हम सब साई बाबा की आरती गाते हैं।
आठां दिवसा गुरुवारी। भक्त करिती वारी।
प्रभुपद पहावया। भवभय निवारी , भय निवारी॥ ५ ॥ आरती…॥
अर्थ :- हर आंठवे दिन यानी की सप्ताह के हर गुरुवार को आपके भक्त शिरडी की यात्रा करते हैं। और इस संसार के भय निवारण हेतु आपके चरणों के दर्शन करते हैं। हम सब साई बाबा की आरती गाते हैं।
माझा निजद्रव्य ठेवा। तव चरणरजसेवा।
मागणे हेची आता। तुम्हां देवाधिदेवा , देवाधिदेवा॥ ६ ॥ आरती… ॥
अर्थ :- आपके चरणों की धुल की सेवा ही ही मेरे लिए संसार की सबसे बड़ी दौलत है। हे देवों के देव, मेरी आपसे बस यही कामना है। हम सब साई बाबा की आरती गाते हैं।
इच्छित दीन चातक। निर्मल तोय निजसुख।
पाजावें माधव या। सांभाळ आपुली भाक , आपुली भाक॥ ७ ॥ आरती… ॥
अर्थ :- जिस प्रकार चातक पक्षी को निर्मल वर्षा ऋतू के सुख की अभिलाषा होती हैं वैसे ही इस माधव (रचनाकार) को भी निर्मल ज्ञान की भिक्षा देकर कृतार्थ करें और अपनी महिमा का मुझे कृपा पात्र बनाएं।
Conclusion
आज आपने Sai Baba Ki Aarti साईं बाबा की आरती के बारे में पढ़ा। साई बाबा की और भी कई आरती हैं लेकिन ये तीन आरती सबसे ज़्यादा गाई जाती है। साई बाबा आरती के साथ साथ आप साई कष्ट निवारण मंत्र का पाठ भी अवश्य करें। नयी जानकारियों के लिए हमारा ईमेल newsletter सब्सक्राइब ज़रूर करें।
विशेष :- जानिए Sai Kasht Nivaran Mantra के बारे में जिसे हर साई भक्त को ज़रूर पढ़ना चाहिए।