Rajkumari Ki Kahani

Rajkumari Ki Kahani | Princess Story in Hindi | राजकुमारी की कहानी

Rajkumari Ki Kahani राजकुमारी की कहानी

प्राचीन समय की बात है एक बहुत ही ईमानदार और वीर राजा था। उसकी एक प्यारी सी राजकुमारी थी जो उम्र में मात्र 14 बरस की थी। राजा के शासनकाल में प्रजा बहुत खुश थी। सब कुछ अच्छी तरह से चल रहा था तभी एकाएक राजा बीमार पड़ गया। राजा के सभी वैद्य ने राजा का हर प्रकार से इलाज किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और दिन प्रतिदिन राजा की तबीयत बिगड़ती ही चली गई।

ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे अब राजा के प्राण चल बचेंगे। पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई थी। दूर-दूर से कई राजवैद्य और इलाज करने वालों को बुलाया गया ताकि राजा का सही उपचार हो सके लेकिन हर प्रकार का इलाज व्यर्थ जा रहा था। राजकुमारी का चिंता के मारे बुरा हाल था वह अपने पिता से बहुत प्यार करती थी और अपने पिता को किसी भी हालत में खोना नहीं चाहती थी।

तभी एक दिन एक साधु राजमहल में पधारे साधु को जब पता चला कि राजा की तबीयत बहुत खराब है तो उन्होंने राजकुमारी से कहा कि वह राजा का इलाज कर सकते हैं लेकिन शर्त यह है कि एक बेहद दुर्लभ जड़ी बूटी जंगल से लेकर आना होगा। दूसरी शर्त यह है कि यह जड़ी बूटी राजा के कोई राजा के परिवार का कोई सदस्य ही ला सकता है।

अगर कोई अन्य व्यक्ति उस परिवार के सदस्य के साथ भी गया तो यह बूटी दिखाई नहीं देगी। इस रहस्यमई बूटी के बारे में जानकर सभी दरबारी बड़े चकित हुए। राजा के परिवार में एकमात्र संतान राजा की बेटी राजकुमारी थी जो की उम्र में मात्र 14 साल की थी। अब राजकुमारी को सुनसान जंगल में भेजना खतरे से खाली ना था लेकिन राजकुमारी बहुत ही बहादुर थी।

उसने अपने पिता से कहा कि आप बिल्कुल चिंता ना करें मैं जंगल में जाऊंगी और वह औषधि लेकर आऊंगी जो साधु महाराज ने बताई है। सभी दरबारियों के लाख मना करने के बावजूद राजकुमारी अकेली घोड़े पर सवार होकर सुनसान जंगल में चली गई। जंगल के बाहर सारे दरबारी और राजा की सेना उसकी प्रतीक्षा में लग गए। राजकुमारी जंगल के अंदर प्रवेश कर गई और औषधि की तलाश में रात हो गई।

जैसा कि साधु महाराज ने बताया था जब रात हुई और राजकुमारी बीच जंगल में पहुंची तो उसे वह औषधि दिखाई पड़ी जिसका जिक्र साधु महाराज ने किया था। राजकुमारी ने जैसे ही उस औषधि की तरफ कदम बढ़ाए उसने देखा कि कई सारे जंगली जानवर उसकी तरफ आने लगे। यह सब अत्यंत डरावना था और काफी हद तक रहस्यमई भी लेकिन राजकुमारी बिल्कुल नहीं घबराई और उसने अपनी तलवार निकाली और एक-एक करके सभी जंगली जानवरों का मुकाबला किया।

कुछ देर के बाद राजकुमारी की हिम्मत की जीत हुई और सभी जानवर वहां से भाग गए। अब राजकुमारी ने वह औषधि प्राप्त की और घोड़े पर सवार होकर तेजी से वह राजमहल की तरफ बढ़ निकली। जैसे ही वो जंगल के बाहर निकली वहां पर मौजूद राजा की सेना और राजा की प्रजा में खुशी की लहर दौड़ गई। जल्दी से वह औषधि साधु महाराज को दी गई साधु महाराज ने राजकुमारी को उसकी बहादुरी पर ढेर सारी शुभकामनाएं दी और उस औषधि को पीसकर राजा को पीने के लिए दे दिया।

उस औषधि के सेवन से धीरे-धीरे राजा की तबीयत में सुधार होने लगा और कुछ ही दिनों में राजा फिर से भले चंगे हो गए। राजा ने राजकुमारी को सीने से लगा लिया और कहा कि तुमने सच में मेरी बेटी होने का फर्ज निभाया है और आज अगर मैं जीवित हूं वह सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हिम्मत की वजह से हूं।

शिक्षा: हमें किसी भी विपरीत परिस्थिति में साहस नहीं खोना चाहिए।

राजकुमारी की प्रेम कहानी

बहुत पहले एक राज्य में एक गुणी और वीर राजा राज करता था। उसकी एक प्यारी सी राजकुमारी बिटिया थी जिसे वह बेहद प्यार करता था। राजकुमारी सुंदर होने के साथ-साथ सर्वगुण संपन्न भी थी और राजा के महल में एक परी की तरह हमेशा हंसती खेलती रहती थी। राजकुमारी पूरे राजमहल की शान थी और सभी राज्य वासी राजकुमारी को बेहद पसंद करते थे। राजा के राज्य में प्रजा बेहद सुखी थी और सब तरह सुख शांति बनी हुई थी।

एक राज्य में एक बहुत ही सुन्दर राजकुमारी रहती थी। राजकुमारी खुबसूरत होने के साथ साथ सभी प्रकार के गुणों से संपन्न और माता पिता का आदर सम्मान करने वाली कन्या थी। एक दिन राजकुमारी अपने सहेलियों के साथ भ्रमण कर रही थी तभी पडोसी राज्य के राजकुमार ने राजकुमारी को देखा और उसकी सुन्दरता पर मोहित हो गया।

राजकुमार भी कोई कम सुन्दर नहीं था उसे देखने के बाद राजकुमारी के मन में भी प्रेम का भाव उत्पन्न हो गया था। जब ये बात राजा को पता चली तो उसने राजकुमारी से उस राजकुमार के बारे में पूछा। राजा नें जब उस राजकुमार के बारे में पता किया तो पता चला की वो तो उनके पडोसी राजा का बेटा है जिससे उसकी पुरानी दोस्ती है।

फिर क्या था जल्दी से ये खबर उस राजा को भेजवाई गई। उस राजा ने जब ये सुना की उसका बेटा उसके दोस्त की बेटी से प्रेम करता है तो उसके ख़ुशी का ठिकाना न रहा। उसने राजा से कहा की अब वक्त आ गया है कि हमारी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दिया जाए यह शुभ समाचार जानकर दोनों राज्यों में खुशी की लहर दौड़ गई।

राजकुमार और राजकुमारी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे दोनों को सारी दुनिया मिल गई हो फिर ब्राह्मणों के कहे अनुसार सही समय पर शादी का मुहूर्त निकाला गया और धूमधाम से राजकुमार और राजकुमारी का विवाह संपन्न हुआ इस प्रकार राजकुमार को उसके सपनों की राजकुमारी मिल गई और राजकुमारी को उसके सपनों का राजकुमार।

शिक्षा: अगर प्रेम सच्चा हो तो एक न एक दिन प्रेम की प्राप्ति अवश्य होती है।

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