गणेश जी सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माने जाते हैं इसीलिए किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पहले गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा करने से वो कार्य निर्विघ्न समाप्त होता है। गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और इन्हे ज्ञान का देवता कहा जाता है। गणेश जी की वंदना करने के बाद अंत में आरती गाने का विधान है। नीचे दी गयी आरती गणेश जी की सबसे प्रसिद्ध आरती है जिसे हर घर में गाया जाता है। गणेश आरती के बोल निम्नलिखित हैं।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करे सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
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