अगर आप एक अच्छा गायक बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपकी आवाज़ में गहराई का होना अत्यंत आवश्यक है क्यूंकि जिस आवाज़ में गहराई, ठहराव और बेस होता है वही दिल में उतरती है। अगर आप महान गायकों जैसे मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मुकेश, उदित नारायण, कुमार सानू, सोनू निगम या फिर आज के स्टार अरिजीत सिंह की बात करें तो भले ही सभी की आवाज़ें अलग हों पर एक समानता है। इन सबकी आवाज़ में एक गहराई है एक ठहराव है जो उनके गानों में साफ़ साफ़ दीखता है। यही गहराई आपके दिल में उतर जाती है और आप इन गायकों के फैन बन जाते हैं। क्या आप जानते हैं की इस प्रकार की गहराई के पीछे क्या राज है?
हम आपको बताते हैं, हर गहरी आवाज़ के पीछे मंद्र सप्तक यानि की ख़रज का रियाज़ होता है। आइये इसे हम विस्तार से इस अध्याय में समझते हैं। आप वीडियो में मंद्र सप्तक का रियाज़ करने का तरीका देख सकते हैं और आसानी से समझ सकते हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत में सा से लेके नी तक एक सप्तक कहलाता है। इसे आप नीचे दिए गए चित्र के द्वारा समझ सकते हैं।
ऊपर दिए गए चित्र से आप मंद्र, मध्यम और तार सप्तक के बारे में समझ गए होंगे। किसी किसी हारमोनियम में एक चौथा सप्तक भी होता है जिसे अति तार सप्तक कहते हैं लेकिन हम रियाज़ सामान्यतः मंद्र, मध्यम और तार सप्तक में ही करते हैं। हारमोनियम के पहले सप्तक में किया जाने वाला रियाज़ मंद्र सप्तक का रियाज़ या ख़रज का रियाज़ कहलाता है और इसके बहुत जबरदस्त फायदे हैं। मैंने कई बड़े सिंगरों को ख़रज का रियाज़ करते देखा है क्यूंकि इसके बिना आवाज़ को खूबसूरत बना पाना संभव ही नहीं है।
अगर आप एक अच्छे गायक बनना चाहते हैं तो आपको मंद्र सप्तक यानि ख़रज का रियाज़ नियमित रूप से करना ही होगा क्यूंकि इसके बिना सफलता संभव नहीं। आइए अब समझते हैं की ख़रज का रियाज़ कैसे करें। सबसे पहले आपको कुछ समय लगभग 10 मिनट तक सा आ और ॐ एक ही नोट पर गाना है। उसके बाद आपको आ इ उ ए और ओ उसी नोट पर गाना है। ये भी आपको 10 से 15 मिनट तक करना है।
सा आ ॐ – 10 से 15 मिनट
आ इ उ ए ओ – 10 से 15 मिनट
इसके बाद आपको मध्यम सप्तक के सा से एक – एक नोट नीचे उतरना है जैसा नीचे दर्शाया गया है। ध्यान दें की ये सारे नोट सा के नीचे के हैं यानि आपको ये रियाज़ मंद्र सप्तक में ही करना है।
सा
सा नी सा
सा नी ध नी सा
सा नी ध प ध नी सा
सा नी ध प म प ध नी सा
सा नी ध प म ग म प ध नी सा
सा नी ध प म ग रे ग म प ध नी सा
सा नी ध प म ग रे सा – सा रे ग म प ध नी सा
इस रियाज़ को आपको 10-15 मिनट तक करना है और इसके बाद इसे आ की मात्रा से करना है अर्थात आकार में करना है। आप वीडियो देख के इसे आसानी से समझ सकते हैं। ये ज़रूरी नहीं की आप मंद्र सप्तक के सा तक रियाज़ करें। जहाँ तक आपकी आवाज़ आसानी से जाती हो आप वहां तक रियाज़ कर सकते हैं। इस रियाज़ से आपकी आवाज़ में भराव, ठहराव और रेंज विकसित होगी और साथ ही साथ आपकी आवाज़ ज़्यादा गहरी और मीठी हो जाएगी जिसे सुनते ही लोग मंत्रमुग्ध हो जाएँ।
तो ये था ख़रज यानि मंद्र सप्तक का रियाज़। अगले अध्याय में हम सीखेंगे मंद्र सप्तक और मध्यम सप्तक का रियाज़ साथ में कैसे करें। नयी ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए अजनाभ को सब्सक्राइब करें और वीडियो के लिए आप हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कर सकते हैं। हमसे जुड़ने के लिए और आपका प्यार देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्।
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