OMR full form in Hindi ओएमआर कैसे काम करता है

OMR full form in Hindi – आप सभी तो जानते ही हैं कि वर्तमान समय में शिक्षा को काफी महत्व दिया जाता है। और आज का समय पूरी तरीके से आधुनिकता में बदल गया है, जिसके कारण पढ़ाई की तकनीकियों को भी काफी विकसित किया गया है। वर्तमान समय में अपनी योग्यता को साबित करने और आगे की कक्षा में प्रस्थान के लिए एग्जाम दिलाना होता है, और उस एग्जाम में पास होना होता है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि छोटी कक्षाओं में एग्जाम दिलाने के लिए नॉर्मल पेपर सीट का उपयोग किया जाता है। परंतु  ग्रेजुएशन लेवल या कॉम्पिटेटिव एग्जाम दिलाने के लिए एक स्पेशल तरह की एग्जाम शीट का उपयोग किया जाता है, जिससे OMR शीट के नाम से जाना जाता है। आज के समय में अधिकतर स्टूडेंट्स को OMR सीट के बारे में पता ही होगा।

परंतु आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें इसके बारे में पता नहीं होता है। यदि आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, और OMR शीट के बारे में जानना चाहते हैं। तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। क्योंकि आज हम आप सभी को अपने आर्टिकल के जरिए OMR full form in Hindi और इससे जुड़े हुए सभी तरह के महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताएंगे। तो चलिए बिना समय गवाएं इस विषय के बारे में विस्तार से जानते हैं।

OMR full form in Hindi:-

OMR का फुल फॉर्म Optical Mark Recognition होता है, जिसे optical Mark Reader के नाम से भी जाना जाता है। और इसका हिंदी में अर्थ ऑप्टिकल निशान मान्यता होता है। यह एक खास प्रकार का आंसर शीट होता है, क्योंकि आंसर शीट के ऊपर बने हुए ओएमआर की मदद से डाटा को कंप्यूटर में स्कैन करके बड़ी आसानी के साथ प्राप्त किया जा सकता है।

ओएमआर का मुख्य उद्देश्य आंसर शीट को जल्दी और सही तरीके से चेक करने के लिए बनाया गया है। और ओएमआर शीट की मदद से बड़ी सरलता के साथ आंसर शीट को अच्छे से चेक किया जा सकता है। और इस तकनीकी के माध्यम से बड़े ही कम समय में यह काम पूरा हो जाता है, जिसके कारण समय की काफी बचत होती है।

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OMR क्या होता है:-

OMR का फुल फॉर्म Optical Mark Recognition होता है। इसका उपयोग वर्तमान समय में खास तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में किया जाता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज के समय में अधिकतर लोगों द्वारा पढ़ाई को काफी महत्व दिया जाता है। और भारत में ऐसे बहुत से लोग हैं जो कि एग्जाम दिलाते हैं। और इतने सारे लोगों का आंसर शीट को चेक कर पाने में काफी ज्यादा समय और मेहनत लगता था। तो इसी मुश्किल का समाधान करने के लिए ओएमआर शीट का आविष्कार किया गया।

ओएमआर एक खास प्रकार का सीट होता है जिसे ऑप्टिकल मार्क के माध्यम से रीड कर के डाटा को कंप्यूटर में स्कैन करके बड़ी आसानी से प्राप्त किया जाता है। ओएमआर शीट का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए भी किया जाता है जैसे कि- दस्तावेजों जैसे सर्वेक्षण, पुराने रिकॉर्ड, इत्यादि।

सरल शब्दों में कहें तो किसी भी दस्तावेज या पेपर को स्कैनिंग के द्वारा मानव चिन्हित डेटा को प्राप्त करने की प्रक्रिया को ओएमआर (OMR) कहा जाता हैं। इसे एक तरह का ऑप्टिकल स्कैनर भी बोल सकते हैं, क्योंकि इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ओएमआर शीट पर पेन या पेंसिल के माध्यम से बने हुए निशान को पहचानने के लिए किया जाता हैं।

ओएमआर का उपयोग कहां कहां होता है:-

वर्तमान समय में ओएमआर कागजी कामकाज को आसान बनाने में बहुत ही मददगार साबित होता है। और यह काम को जल्दी पूरा करने और आसान बनाने में भी मददगार होता है। इसी कारण आज के समय में ओएमआर का इस्तेमाल बहुत जगहो पर किया जाता है। जैसे कि-

  • एग्जाम में
  • इलेक्शन में
  • सर्वे में
  • विभिन्न फीडबैक फॉर्म में
  • बैंक और इंश्योरेंस एप्लीकेशन, इत्यादि।

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ओएमआर शीट को कैसे भरा जाता है:-

आज के समय में ओएमआर शीट के सरल और सुविधाजनक होने के कारण इसका अलग अलग जगहों पर अलग अलग तरह के कामों को करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यदि बात करे कि ओएमआर शीट कैसे भरा जाता है, तो आपको बता दें कि ओएमआर शीट को भरना बहुत ही आसान होता है। और ओएमआर शीट को भरने का तरीका निम्नलिखित है-

1. ओएमआर शीट के अंतर्गत इंफॉर्मेशन को भरने के लिए गोले दिए गए होते हैं, जिनका इस्तेमाल करके ही अपने सही सही इंफॉर्मेशन को अच्छे से भरना होता है।

2. ओएमआर शीट को भरने के लिए काला या नीला किसी भी पेन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

3. ओएमआर शीट के अंतर्गत दिए गए गोले को किसी भी पेन से अच्छे से गाढ़ा होने तक भरना होता है।

4. गोले को आधा अधूरा नहीं भरना होता है, क्योंकि क्योंकि आधा अधूरा भरे गए गोले को मशीन नहीं पढ़ पाता है।

5. गोली को अच्छे से भरने के अलावा पेपर पर कहीं और दूसरी जगह निशान नहीं लगाना होता है।

6. जिस गोले पर निशान लगाने की जरूरत है केवल उसी गोले पर निशान लगाए।

7. एक से अधिक गोले पर निशान नहीं बनाना होता है, क्योंकि ऐसा करने पर मशीन हमारे इंफॉर्मेशन को स्वीकार नहीं करता है।

8. गोले को अच्छी तरह से भरना होता है, और इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है कि गोले को भरते समय निशान बाहर नहीं जाना चाहिए।

9. यदि आपने गलती से किसी और गोले को भर दिया है, तो उसे व्हाइटनर या किसी दूसरे चीज से जरूर मिटाएं।

10. तो इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक ओएमआर शीट को अच्छी तरह से भरा जाता है।

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ओएमआर कैसे काम करता है:-

ओएमआर ऑप्टिकल स्केनर की मदद से काम करता है। ओएमआर शीट पर भरे गए इंफॉर्मेशन को स्केनर में डाला जाता है, जहां लेजर लाइट की मदद से भरे गए गोले को स्कैन किया जाता है।

ओएमआर शीट पर जहां पर गोला डार्क होता है, वहां से लेजर की मात्रा कम वापस आती है। और जहां पर गोला खाली होता है, वहां से लेजर की मात्रा अधिक वापस आती है। इस तरह से ऑप्टिकल स्कैनर ओएमआर शीट को स्कैन करके इंफॉर्मेशन को कंप्यूटर में स्टोर करता है, जिसे कोई भी यूजर बड़ी आसानी के साथ प्राप्त कर सकता है। इसका उपयोग खासतौर पर कॉम्पिटेटिव एग्जाम के दौरान पूछे गए ऑब्जेक्टिव टाइप पेपर को आसानी से और कम समय में चेक करने के लिए किया जाता है।

ओएमआर के फायदे:-

ओएमआर के फायदे बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं, जो कि निम्नलिखित है:-

1. ओएमआर की मदद से बड़ी सरलता के साथ आंसर शीट को चेक करने में मदद मिलता है।

2. ओएमआर के माध्यम से समय की काफी बचत होती है।

3.ओएमआर की मदद से एक घंटे में लगभग 10,000 आंसर शीट को चैक किया जा सकता हैं।

4. ओएमआर के कारण गलती होने की संभावना नहीं होती है।

5. सर्वे के दौरान ओएमआर के माध्यम से बड़े ही कम समय में सर्वे किया जा सकता है, और बहुत जल्दी रिजल्ट भी प्राप्त किया जा सकता है।

6. ओएमआर के माध्यम से डाटा को कलेक्ट करने की झंझट से छुटकारा मिलता है।

7. ओएमआर के जरिए केवल एक कंप्यूटर के माध्यम से डाटा को कलेक्ट किया जा सकता है।

ओएमआर के नुकसान:-

ओएमआर के कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं, जो कि निम्नलिखित है-

1. यदि ओएमआर शीट अच्छे से भरी हुई नहीं होती है, तो ऑप्टिकल स्केनर डाटा को स्कैन करने में सक्षम नहीं होता है।

2. ओएमआर को खासतौर पर Multiple Choice के लिए डिज़ाइन किया गया हैं। इसलिए इसका प्रयोग किसी Single Data को Collect करने के लिए नहीं किया जा सकता है।

3. यदि ओएमआर शीट पर एक से ज्यादा गोले पर डार्क निशान किया गया होता है, तो स्केनर उसे सही तरीके से स्कैन करने में सक्षम नहीं होता है।

4. ओएमआर शीट पर यदि गलती से कोई गलत आंसर भर दिया जाता है, तो उसके बाद उसे करेक्ट नहीं कर सकते हैं, इसलिए ओएमआर शीट को बड़े ध्यान से भरना होता है।

निष्कर्ष:-

आज हमने आप सभी को अपने इस आर्टिकल के जरिए OMR full form in Hindi विषय के बारे में बताने की कोशिश की है। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा, और आपको हमारे इस आर्टिकल के जरिए ओएमआर के बारे में काफी अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी।

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