आज आप जानेंगे की नमस्ते का मतलब क्या है – Namaste Ka Matlab Kya Hota Hai.
भारतीय परंपरा के अनुसार जब हम किसी से मिलते हैं तो हाथ जोड़ कर नमस्ते करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है की नमस्ते का क्या अर्थ है और नमस्ते करने से क्या फायदे हैं ? आइये हम विस्तार से इस विषय पर चर्चा करते हैं और इसे समझते हैं।
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Namaste Meaning In Hindi : Namaste Origin
रामायण और महाभारत काल से ही नमस्ते का प्रचलन होता आया है। नमस्ते हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। हमारे भारत में नमस्ते का बहुत ही बड़ा महत्व है। नमस्ते करना हम भारत वासियो की संस्कृति का प्रतिक माना जाता है।
अगर आप नहीं जानते Namaste Ka Matlab Kya Hota hai तो चलिए हम आपको विस्तार से बताते है। नमस्ते शब्द की उत्त्पत्ति संस्कृत के नमस् शब्द से हुई है जिसका अर्थ एक आत्मा का दूसरे आत्मा से आभार प्रकट करना होता है। दूसरे शब्दों में नमस्ते का अर्थ तुम्हे प्रणाम या तुम्हारे लिए प्रणाम होता है।
अक्सर आपने देखा होगा की जब हम किसी से मिलते है तो अपने दोनों हाथ जोड़कर सामने वाले व्यक्ति को नमस्ते बोलते है। ये हमारी बहुत ही पुरानी परम्परा रही है। हमारे भारत देश में अपने से बड़े उम्र के लोगो का बहुत ही सम्मान किया है और जब भी हमारे घर कोई मेहमान आता है तो हम लोगो उनके पाव छू कर या हाथ जोड़कर नमस्ते करते है।
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पहले नमस्ते के महत्व को कोई नहीं जनता था लेकिन जब से कोरोना का प्रकोप पूरी दुनिया में छाया है तबसे पश्चिमी सभ्यता वाले लोगो को भी नमस्ते का महत्व समझ में आ गया है। इसके पहले यही लोग हमारी संस्कृति और सभ्यता का मज़ाक उडा रहे थे। अब दूसरे देश के लोग भी सलाह देने लगे है की किसी से भी मिलिए तो हाथ जोड़कर नमस्ते करिये।
नमस्ते शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई ? (Namaste in Sanskrit)
नमस्ते शब्द की उत्त्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है। संस्कृत में इसका अर्थ है नमः+ते अर्थात तुम्हे नमन है या तुम्हे प्रणाम करता हु। नमस्ते शब्द का प्रयोग पुरे भारत के लोगो द्वारा किया जाता है। नमस्ते मात्रा एक मुद्रा नहीं है अपितु इसका संबंध विज्ञानं से भी है।
आप इसे ऐसे समझ सकते है की जब भी हम किसी को नमस्ते करते है तो इसके लिए हम अपने दोनों हाथो को जोड़कर (Namaste Greeting)ह्रदय के समीप रखकर, आँखे बंद करके और सिर झुकाकर सामने वाले का अभिवादन करते है।
ऐसा करने से हमारे मष्तिस्क को शांत रहने की सुचना प्राप्त होती है और हमारे चेहरे पे स्वतः ही मुस्कान फ़ैल जाती है। अगर सामने वाला व्यक्ति क्रोध में है और आप उसे हाथ जोड़ कर नमस्ते करेंगे तो वो व्यक्ति तुरंत शांत हो जायेगा।
नमस्ते कब किया जाता हैं ?
1 . जब हमारे घर कोई अतिथि आते है तो उनका अभिवादन करने के लिए हम नमस्ते करते है। नमस्ते करके हम ये दर्शाते है की हमारे ह्रदय में आपके प्रति बहुत सम्मान है। फिर जब वो अतिथि जाने लगते है तो जाते वक़्त भी हम नमस्ते करते है और ऐसा करना जरूरी होता है। इससे प्रतीत होता है आपके अंदर संस्कार है की नहीं।
2 . नमस्ते का प्रयोग हम भगवान के लिए भी करते है। हमारे हिन्दू धर्म में किसी शुभ कार्य से पहले भगवान का नाम लेना बहुत शुभ माना जाता है। हम जब भी कही बाहर जाते है तो अपने घर के इष्ट देवता को नमस्ते करके ही बाहर निकलते है। अगर बाहर किसी भगवान का मंदिर दिख जाता है हम लोगो को तो हमारे हाथ स्वतः ही जुड़ जाते है।
नमस्ते की मुद्रा क्या होती हैं ? (Namaste Symbol)
नमस्ते की मुद्रा को अंजलि मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस मुद्रा का प्रयोग हम नमस्ते, प्रणाम या सत श्री अकाल करने हेतु करते है। इस मुद्रा में हम अपने दोनों हाथो को जोड़कर उसे अपने ह्रदय के समीप रखकर तथा अपने सर को थोड़ा निचे झुकाकर सामने वाले सज्जन का अभिवादन करते है।
How To Pronounce Namaste
नमस्ते का उच्चारण कैसे करते हैं ये जानने के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखें। नमस्ते भारत राही के इस वीडियो में अलोक और प्रिया के द्वारा नमस्ते का सही उच्चारण किया गया है और नमस्ते के बारे में महत्वपूर्ण बातें भी बताई गयी हैं।
हम आशा करते है की हमारी ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपको ज्ञात हो गया होगा की Namaste Ka Matlab Kya Hota Hai नमस्ते का मतलब क्या है।
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