सरस्वती माता को हिन्दू धर्म में विद्या की देवी कहा गया है. माँ सरस्वती को वीणा वादिनी भी कहा जाता है क्यूंकि उनके हाथ में वीणा है. ज्ञान और विद्या प्राप्ति के अभिलाषी व्यक्तियों और विद्यार्थियों को Maa Saraswati Mantra का जाप अवश्य करना चाहिए इससे आप परीक्षा में सफल होते हैं और आपका ज्ञान बढ़ता है जिससे आप जीवन में अच्छे निर्णय ले पाते हैं
Who is Maa Saraswati माँ सरस्वती कौन हैं?
माँ सरस्वती हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। माँ अपने हाथ में पुस्तक धारण किये हुए हैं अर्थात माँ वेदज्ञान की देवी हैं जो सम्पूर्ण जगत को ज्ञान प्रदान करती हैं। माँ ज्ञान, कला, संगीत, बुद्धि, और शिक्षा की देवी हैं। माँ त्रिदेवी अर्थात सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती में से एक हैं। आदिकाल से मनुष्य, देवता और अन्य योनियां माँ को प्रसन्न करके जीवन को बेहतर बनती रही हैं।
आपने अक्सर देखा होगा की अगर किसी मनुष्य का अच्छा वक़्त आना होता है तो वो मनुष्य अच्छे निर्णय ले पाता है और इससे उसे जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी मिलनी प्राप्त हो जाती है। दूसरी तरफ जब किसी मनुष्य का बुरा वक़्त आना हो तो सबसे पहले उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और वो इंसान जाने अनजाने में कोई गलती कर बैठता है जिससे उसे बहुत नुकसान होता है। एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी की विनाश काले विपरीत बुद्धि।
सदियों से ये भी कहा जाता है की अगर लक्ष्मी को पाना हो तो सरस्वती की कृपा प्राप्त करो। जब आपके ऊपर माँ सरस्वती की कृपा हो जाए तो बाकी के सारे देवी देवता और गृह स्वतः आपके पक्ष में काम करने लगते हैं।
विद्या प्राप्ति के लिए सरस्वती मंत्र का नियमित रूप से जाप करें और माँ सरस्वती से ये प्रार्थना करें की आपके ऊपर उनकी कृपा सदैव बनी रहे। सरस्वती मंत्र साधना उन्हें भी करनी चाहिए जो जीवन में अच्छे निर्णय न लेने पाने के कारण अपना नुकसान कर बैठते हैं।
जो छात्र पढ़ने लिखने में कमजोर होते है या मंदबुद्धि के होते है उन छात्रों को माता सरस्वती जी पूजा आराधना जरूर करनी चाहिए। अगर वे ऐसा करते है तो उनकी बुद्धी में विस्तार होता है और उनका दिमाग पढ़ाई लिखाई की तरफ आकर्षित होने लगता है।
अगर छात्रों को किसी किसकी भी प्रतियोगी परीक्षा में असफलता प्राप्त हो रही है तो हम सरवती माता के ऐसे मंत्र बता रहे है जिनका जाप करने से निश्चय ही उनको सफलता प्राप्त होगी।
विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को प्रसन्न करने के मंत्र Saraswati mantra for success
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
- सरस्वती माता मूल मंत्र : ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नम:।
- ज्ञान वृद्धि देवी जी का गायत्री मंत्र : ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
- सरस्वती गायत्री मंत्र : ॐ सरस्वत्यै विधमहे, ब्रह्मपुत्रयै धीमहि। तन्नो देवी प्रचोद्यात।ॐ वाग देव्यै विधमहे काम राज्या धीमहि। तन्नो सरस्वती: प्रचोदयात।
- परीक्षा के भय निवारण हेतु मंत्र : ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा।
- स्मरण शक्ति बढ़ाने हेतु मंत्र : ऐं नम: भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।
- विघ्न निवारण हेतु मंत्र : ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।
- मां सरस्वती मानस पूजा मंत्र : ॐ ऐं क्लीं सौ: ह्रीं श्रीं ध्रीं वद वद वाग्-वादिनि सौ: क्लीं ऐं श्रीसरस्वत्यै नम:।
- Student Saraswati Mantra: ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि।
परीक्षा में सफलता प्राप्ति का मंत्र Saraswati Mantra for Students
ॐ नम: श्रीं श्रीं अहं वद वद वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नम: स्वाहा विद्यां देहि मम ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा।जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी, कवि उर अजिर नचावहिं बानी।मोरि सुधारिहिं सो सब भांती, जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।
छात्रों को प्रतिदिन सुबह स्नान करने के पश्चात पूजा की सामग्री के साथ जैसे की पुष्प, अछत और सफ़ेद चन्दन माता सरस्वती जी को अर्पित करे और इसके साथ ही साथ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम: का जाप भी करते रहे। इस प्रकार से माता सरस्वती जी की पूजा करने से आपके ऊपर सरस्वती माता की कृपा बरसने लगेगी और आपकी बुद्धि में विकास होगा।
Maa Saraswati Mantra | Saraswati mantra lyrics
श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै नमः
माँ सरस्वती को प्रसन्न करने के उपाय
अपने पूजा स्थान में माता सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। अब माँ की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र चढ़ाएं। इसके उपरांत रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत माँ को अर्पित करें। चुकी माँ सरस्वती ज्ञान और कला की देवी हैं इसलिए माँ को पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र ( कोई साज जैसे हारमोनियम, बांसुरी या सितार ) और किताबें अर्पित करें।
घर में वाद्य यन्त्र न हों तो उसकी तस्वीर भी प्रतीकात्मक रूप से माँ की तस्वीर या प्रतिमा के पास रख सकते हैं। इसके बाद मां सरस्वती की वंदना करें और उनकी आरती गायें।इसके बाद माँ से विद्या और बुद्धि के विकास के लिए प्रार्थना करें और उन्हें प्रसाद चढ़ा कर सबको वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें। इस प्रकार की पूजा अर्चना करने से माँ सरस्वती प्रसन्न होती हैं।
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