इस लेख में आप जानेंगे की telephone ka avishkar kisne kiya और telephone ka avishkar kab hua.
हेलो दोस्तों अजनाभ में आप सभी का स्वागत है । तो चलिए शुरू करते है दोस्तों क्या आप जानते है की टेलीफोन का अविष्कार किसने किया था चलिए हम आपको बताते है । टेलीफोन का अविष्कार स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) ने किया था । ये आविष्कार उन्होंने 2 जून 1975 का किया था । लेकिन शुरुआत में लोगो ने अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के इस आविष्कार पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था जिसके चलते ग्राहम बेल ने सोचा की इसको सार्वजनिक प्रदर्शित करना चाहिए तो उन्होंने इसका पहला प्रदर्शन 10 मई 1876 को बोस्टन में अमेरिकन एकेडमी ऑफ साइंसेस के बड़े बड़े विद्वानों के सामने किया ।
फिर उन विद्वानों ने इनको सुझाव दिया की आपको फिलाडेल्फिया में होने वाले अमेरिकी स्वतंत्रता शताब्दी समारोह में अपने इस यन्त्र का प्रदर्शन करना चाहिए । फिर ग्राहम बेल उस जगह पे गए और अपने आविष्कारी यन्त्र का प्रदर्शन दिखाया । इस समारोह में ग्राहम बेल का बहुत प्रसिद्धि मिली और चारो तरफ इनकी चर्चाये सुरु हो गयी । इसके बाद तो इनके टेलीफोन की हर जगह बाते होने लगी ।
Telephone Ka Avishkar Kisne Kiya
उस समय टेलीग्राफ कंपनियों का जमाना था। ग्राहम बेल ने उन कंपनियों से संपर्क किया और अपने यन्त्र को मार्किट में लाने की बात कही , लेकिन टेलीग्राफ कंपनियों ने उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया क्युकी उन्हें ये दर सताने लगा था की कही ये हमारा प्रतिद्वंदी न बन जाए । ऐसा होता हुआ देख ग्राहम बेल और उनके सहयोगी थॉमस वाटसन ने निश्चय किया की कुछ भी हो जाए लेकिन वे इस टेलीफोन की उपयोगिता को लोगो तक पंहुचा के ही दम लेंगे ।
फिर उन्होंने कड़ी मेहनत शुरू कर दी और टेलीफोन के प्रचार प्रसार के लिए जगह जगह कई सारी सार्वजनिक प्रदशन किये और लोगो को इसके बारे में बताया । उन दोनों को पूरा विश्वास था की लोग लम्बी दूरी के संचार यंत्र के रूप में टेलीफोन के महत्व के बारे में खुद बा खुद ही समझ जायेंगे। और एक दिन ग्राहम बेल और उनके सहयोगी थॉमस वाटसन ने टेलीग्राफ के तार के माध्यम से आवाज़ को 13 किलो मीटर की दुरी तक संप्रेषित करने में कामयाब हो गए और साल ख़त्म होते ही उन दोनों ने इस दुरी को 229 किलो मीटर तक कन्वर्ट करने में सफल हो गए ।
इतना कुछ होने के बाद भी टेलीग्राफ कम्पनिया उनके टेलीफोन के यन्त्र को बाजार में सार्वजनिक करने को तैयार नहीं हो रही थी । अब उन के पास कोई रास्ता नहीं बचा तो ग्राहम बेल ने अपने नाम से ही टेलीफोन कंपनी खोलने के बारे में सोचा और एक नयी कंपनी शुरू कर दी । और वर्तमान में आप सभी जानते है की ग्राहम बेल की वही ऐतिहासिक कंपनी एटी एंड टी के नाम से जानी जाती है जो बहुत ही प्रसिद्ध है । ये कंपनी दूर संचार के अपने साधनो के लिए विश्व भर में काफी लोकप्रिय है । क्या आप जानते है की इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले ट्रांजिस्टर का आविष्कार भी ग्राहम बेल के प्रयोगशाला में ही हुआ था।
ग्राहम बेल द्वारा स्थापित उनके टेलीफोन कंपनी का पहला विज्ञापन बोस्टन के समाचार पत्रों में सन 1877 को प्रकाशित हुआ था । इस विज्ञापन में ग्राहम बेल ने आदमी की आवाज़ को 32 किलो मीटर की दुरी तक भेजने की पेशकश की थी । ग्राहम बेल ने इसमें घरेलु सम्बंधित उपयोग के लिए टेलीफोन का शुल्क 20 डॉलर प्रति वर्ष तथा व्यवसाय से सम्बंधित उपयोग के लिए इसका शुल्क 40 डॉलर प्रतिवर्ष रखा था ।
इस तरह व्यावसायिक कार्यो के लिए टेलीफोन का उपयोग सर्वप्रथम सन 1877 में बाज़ारो में उपलब्ध करा दिया गया । इसी दौरान ग्राहम बेल ने फिर से अमेरिका की वेस्टर्न यूनियन टेलीग्राफ कंपनी को प्रस्ताव दिया की वे इस टेलीफोन यन्त्र को बाजार में उतारे जिससे की उनके राष्ट्र का विकास हो लेकिन कंपनी ने उनको ये कहकर मना कर दिया की उन्हें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।
फिर ग्राहम बेल निराश होकर अपने जन्म स्थान इंग्लैंड चले गए और सोचा की यहाँ पे कोशिश करके देखा जाए । और एक दिन उनकी ये कोशिश रंग लायी जब जनवरी 1978 में रानी विक्टोरिया के यहाँ से उनको निमंत्रण मिला की आप यहाँ आइये और अपने टेलीफोन यन्त्र का प्रदर्शन दिखाइए । फिर ग्राहम बेल वहां गए और अपने टेलीफोन यन्त्र का प्रदर्शन किया । रानी विक्टोरिया उनके इस टेलीफोन यन्त्र से बहुत प्रभावित हुई और अपने शाही महल में एक नहीं 2 टेलीफोन यन्त्र को लगाने की इज़ाज़त दे दी ।
बस फिर क्या था देखते ही देखते ग्राहम बेल का टेलीफोन यन्त्र पुरे इंग्लैंड में प्रसिद्ध हो गया । और धीरे धीरे इसकी प्रसिद्धि अन्य यूरोपीय देशो में भी पहुंचने लगी और वहां के लोगो ने भी इस यन्त्र को बहुत पसंद किया । जब सब जगह टेलीफोन का उपयोग होने लगा तो अमेरिका को भी लगा की इसका उपयोग करना चाहिए । और अमेरिका में भी इस टेलीफोन यन्त्र का उपयोग होने लगा । टेलीफोन के आ जाने से अब सभी लोग एक दूसरे से घर बैठे ही बात करने लगे।
और इस तरह से धीरे धीरे टेलीफोन का व्यावसायिक उपयोग बढ़ता गया । इस बीच ग्राहम के सहयोगी वाटसन ने सोचा की इसको और उपयोगी और कार्यदक्ष बनाना चाहिए इसके चलते उन्होंने इसमें अपडेट करना सुरु कर दिया सुरु में कॉल आने पर घंटी नहीं बजती थी फिर बाद में इसमें थम्पर नामक युक्ति लगाया गया फिर इसको वाटसन ने बजर में बदला जो आगे चलके टोन में परिवर्तित हो गया।
टेलीफोन का अविष्कार करने वाले महान एलेग्जेंडर ग्राहम की मृत्यु 2 अगस्त 1922 को 75 वर्ष की आयु में कनाडा में हुई थी । इनकी मृत्यु एक अनजान बीमारी की वजह से हुई थी। इनके मृत्यु के पश्चात् पूरे उत्तरी अमेरिका की सभी टेलिफोन लाइनो को 2 मिनट के लिए बंद कर दिया गया था और ऐसा इनके सम्मान के लिए किया गया था ।
तो अब आप समझ गए होंगे की Telephone Ka Avishkar Kisne kiya. ऐसी ही और ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए अजनभा को सब्सक्राइब करें। हमारे वेबसाइट पर विजिट करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्।
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