स्वागत है आपका अजनाभ में और आज हम सीखेंगे राग भैरव ( Raag Bhairav ) ये राग भैरव थाट से आता है और इसे प्रातःकाल में गाया जाता है। अधिकतर रियाजी गायक इसी राग से अपने दिन की और गायिकी की शुरुवात करते हैं। इस राग में बड़ा असर है, मन पवित्र हो जाता है आप गाके देखिएगा। इस राग में भारतीय गाने भी काफी मात्रा में बने हैं। आइये नीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से Raag Bhairav की बारीकियों को समझते हैं।
स्वर | रे ग ध नी कोमल अन्य शुद्ध स्वर |
जाती | औडव सम्पूर्ण |
थाट | संपूर्ण |
वादी / सम्वादी | ध रे |
समय | दिन का पहला प्रहार ( सुबह 6 से 9 बजे तक ) |
आरोह | सा रे ग म प ध नी सा’ ( रे ग ध नी कोमल ) |
अवरोह | सा’ नी ध प म ग रे सा ( रे ग ध नी कोमल ) |
पकड़ | सा – ग – म – प – ग – म – ध – प – ग – म – प – ग – म – रे – सा ( रे ग ध नी कोमल ) |
इस राग पर आधारित कुछ गाने इस प्रकार हैं।
- जागो मोहन प्यारे : इस गाने को लता मंगेशकर ने जागते रहो फिल्म में गाया था जो आज भी बहुत ही लोकप्रिय है. ये गाना राग भैरव का एक बेहतरीन उदहारण है.
- मोहे भूल गए सांवरिया : इस गाने को लता मंगेशकर ने बैजू बावरा फिल्म के लिए गाया था ये भी राग भैरव का एक अच्छा उदहारण है.
- कह दो कोइ ना करे यहाँ प्यार : इस गाने को मोहम्मद रफ़ी ने गूंज उठी शहनाई फिल्म के लिए गाया था. ये राग भैरव का जबरदस्त उदहारण है.
राग भैरव एक मधुर और गाढ़ा राग है जिसका भाव बहुत ही गहरा है। आप राग भैरव के गानों में दर्द और गहराई को साफ़ साफ़ महसूस कर सकते हैं। ऊपर दिए गए गाने सिर्फ कुछ उदहारण हैं अगर आप सर्च करेंगे तो आपको सैकड़ों गाने मिल जायेंगे जो राग भैरव पर आधारित हैं। नियमित रूप से ऐसे ही उपयोगी जानकारियों के लिए अजनाभ को सब्सक्राइब करें आपके सहयोग और प्यार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिन्द।
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