आइए आज हम हिंदी कहानियां पढ़ेंगे यह कहानियां बेहद रोचक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक हैं इन कहानियों से बच्चों में सुझबुझ, विवेक, निर्णय लेने की क्षमता और नैतिकता का निर्माण होता है जब बच्चे अच्छे होंगे तो देश अच्छा होगा इसलिए हमने यह निबंध लिखा है ताकि मनोरंजन के साथ-साथ उच्च स्तरीय चरित्र का निर्माण भी किया जा सके
Motivational Kahani In Hindi With Moral रोचक हिंदी कहानी संग्रह
1. औरत और नेवले की कहानी
एक गांव में एक औरत अकेली अपने छोटे से बच्चे के साथ एक झोपड़ी में रहती थी। दिन भर औरत जंगल में लकड़ी काटने जाया करते थे करती थी। औरत ने एक नेवला पाल रखा था। जब औरत जंगल में लकड़ियां काटने जाती तो उसका छोटा बच्चा घर में ही रहता था और औरत का पालतू नेवला उसकी रखवाली किया करता था।
इस प्रकार अपने छोटे बच्चे को नेवले के भरोसे छोड़कर औरत आसानी से अपना पूरा दिन लकड़ियां काटने में बिताती और शाम को उन लकड़ियों को बेचकर कुछ पैसे कमा कर घर आती थी। इस प्रकार उसका गुजर बसर हो रहा था। एक दिन की बात है जब औरत घर लौटी तो उसने देखा कि नेवले के मुंह में खून लगा हुआ है।
औरत ने सोचा हो ना हो इस नेवले ने मेरे बच्चे को मार डाला है। उस औरत ने बिना सोचे समझे अपने सिर पर रखा पत्थर का टुकड़ा नेवले के ऊपर दे मारा। देखते ही देखते नेवले के प्राण निकल गए। जब औरत अपनी झोपड़ी में घुसी तो वह क्या देखती है कि उसका बच्चा सकुशल खेल रहा है और वहीं पास में एक जहरीला सांप लहूलुहान मरा पड़ा है।
औरत को यह समझते देर न लगी कि उसके पालतू नेवले ने उसके बच्चे को बचाने के लिए उस सांप से लड़ाई की होगी और इसी वजह से उसके मुंह में खून लगा हुआ था लेकिन औरत की नासमझी से वह यह समझ बैठी की यह खून उसके बेटे का है। औरत को अपनी गलती पर बहुत पछतावा हुआ लेकिन अब क्या हो सकता था।
शिक्षा: हमें कभी भी जोश में आकर बिना सोचे समझे कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।
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2. हिरण का घमंड
एक जंगल में एक हिरण रहता था। हिरण बहुत ही खूबसूरत था और हिरण को अपनी खूबसूरती पर बड़ा ही घमंड था। एक दिन हिरण झील में पानी पीने गया जब उसने पानी में अपनी परछाई देखी तो उसने सोचा कि वाह मेरे सींग कितने सुंदर है। अगले ही पल उसकी नजर अपने पैरों पर पड़ी तो उसने कहा कि मेरे पैर कितने गंदे हैं।
वह मन ही मन भगवान को कोसता चला जा रहा था। बार-बार उसके मन में एक ही विचार आ रहा था कि हे भगवान जब तुमने मेरे सींग इतने खूबसूरत बनाए तो मेरे पैर इतने गंदे क्यों बनाए। अपने इन्हीं विचारों में मगन हिरण को यह पता ना चला कि आगे एक शिकारी ने जानवरों को फसाने के लिए जाल बना रखा है।
हिरण के सींग उस जाल में फस गए। हिरण को यह समझ में आने लगा कि अब आखरी वक्त नजदीक आ चुका है लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और उसने पूरी कोशिश करके जैसे तैसे उस जाल से अपने सींग को छुड़ा लिया लेकिन उसे ऐसा करते देख शिकारी भी वहां पहुंच गया। फिर क्या था हिरण तेजी से भागा शिकारी ने उसे पकड़ने की बेहद कोशिश की लेकिन बिजली की गति से भागते हिरण को पकड़ पाना शिकारी के लिए मुश्किल था।
आखिरकार हिरण सकुशल अपने घर पहुंच गया। वहां पहुंच के उसे समझ में आया कि आज जो उसके प्राण बचे हैं वह उसके उन्हीं गंदे पैरों की वजह से है जिसके लिए वह भगवान को कोस रहा था। उसने भगवान से क्षमा प्रार्थना की और कहा कि हे प्रभु आपने जो मुझे यह पैर दिए हैं अगर आज यह ना होते तो मेरे प्राण नहीं बचते।
शिक्षा: हमें ईश्वर ने बहुमुल्य बनाया है हमें ईश्वर की बनाई हुई हर चीज की कद्र करनी चाहिए।
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3. सच की ताकत
एक छोटे से गांव में एक लड़का अपनी मां के साथ रहता था। लड़के की मां बड़ी ही नेक और अच्छे विचारों वाली महिला थी। प्रतिदिन वह अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देती और जीवन में हमेशा सच बोलने को कहती थी। एक दिन की बात है लड़के को कुछ काम से किसी दूसरे शहर जाना था। उसकी मां ने अपने बेटे को कुछ खाने पीने का सामान दिया और कुछ रुपए उसके पजामे के नाड़े की नली में डालकर और उसे धागे से सील दिया ताकि वह पैसे गिरे नहीं।
इसके बाद उस औरत ने लड़के से यह भी कहा कि बेटा हमेशा सच बोलना चाहे जान जाए तो जाए लेकिन कभी झूठ मत बोलना। लड़के ने मां से वादा किया और अपनी यात्रा शुरू की। जब उस लड़के की बस एक घनघोर जंगल से गुजर रही थी तभी उस बस पर डाकुओं ने धावा बोल दिया। उन्होंने सभी यात्रियों से बलपूर्वक अपने गहने और पैसे उन्हें देने को कहा।
सभी डाकु एक-एक कर सभी यात्रियों की तलाशी लेने लगे और उनका कीमती सामान छीनने लगे। जब वह उस लड़के के पास आए तो उन्होंने देखा कि उस लड़के के पास तो कुछ है ही नहीं। उसके पास तो सिर्फ खाने पीने का सामान है। उन्होंने उस लड़के से पूछा कि तुम्हारे पास पैसे हैं? लड़के ने कहा कि हां मेरे पास पैसे हैं। उन्होंने फिर से उस लड़के की तलाशी ली लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।
उन्हें लगा कि शायद लड़का मजाक कर रहा है। उन्होंने फिर से लड़के से पूछा लड़के क्या सच में तुम्हारे पास पैसे हैं? लड़के ने कहा कि हां मेरे पास पैसे हैं। उन्होंने पूछा कि कहां है तुम्हारे पास पैसे हमें तो तलाशी में मिल नहीं रहे हैं। लड़के ने अपने पजामे का नाडा दिखाते हुए कहा कि इस पजामे के नाड़े की नली के अंदर मेरी मां ने पैसे रखके सिलाई कर दिए हुए हैं ताकि पैसे गीरे नही।
चोरों को बड़ा आश्चर्य हुआ उन्होंने लड़के से पूछा कि हमने तो तुम्हारी तलाशी लेकर तुम्हें छोड़ दिया था। अगर तुम हमें यह ना भी बताते कि तुम्हारे पास पैसे हैं तो हम तुम्हें यूं ही जाने देते। फिर तुमने जानबूझकर हमें यह क्यों बताया कि तुम्हारे पास पैसे हैं। लड़के ने कहा क्योंकि मेरी मां ने कहा था बेटा जान जाए तो जाए झूठ मत बोलना। यह सुनकर सभी डाकू बड़े ही प्रभावित हुए और उन्होंने सभी यात्रियों का सामान उन्हें वापस कर दिया। उस दिन से उन सभी डाकुओं ने डाका डालना बंद कर दिया और वह सब अच्छे इंसान बन गए।
शिक्षा: हमें हमेशा सच बोलना चाहिए क्योंकि सच हमें विजय दिलाता है।
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आज की सीख
नित्य प्रतिदिन सकारात्मक हिंदी कहानी पढ़ने से बच्चों में अच्छे गुणों का विकास होता है। साथ ही साथ एक बेहतर चरित्र का निर्माण होता है। बच्चे हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं जब बच्चे अच्छे होंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ियां भी अच्छी होगी। इसी प्रकार की और रोचक हिंदी कहानियां पढ़ने के लिए हमें ईमेल के माध्यम से सब्सक्राइब करें। इस कहानी को आपके सोशल मीडिया जैसे कि Facebook, Instagram, Famenest Social Media Site इत्यादि पर शेयर जरूर करें।