जानिए गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है ( Gayatri Mantra Meaning In Hindi ) साथ ही जानिए गायत्री मंत्र का महत्व और गायत्री मंत्र का जाप करने के फायदे।
गायत्री मंत्र हिंदू धर्म के शक्तिशाली वैदिक मंत्रों में से एक है। इस मंत्र जाप की महिमा वेद और पुराणों में वर्णित है। इस लेख में हम जानेंगे कि गायत्री मंत्र क्या है इसका जाप कैसे करें और इसके जाप करने से क्या फायदे हैं साथ ही हम यह भी जानेंगे कि गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है। तो चलिए शुरू करते हैं आज का अध्याय और जानते हैं गायत्री मंत्र के बारे में।
सनातन धर्म में गायत्री मंत्र की महिमा ॐ के बराबर मानी गई है। हिंदू धर्म ग्रंथों में गायत्री मंत्र की महिमा विशेष रुप से की गई है। सभी ऋषि मुनि और वेद पुराणों के जानकार ज्ञानी पुरुषों ने गायत्री मंत्र का गुणगान किया है। गायत्री मंत्र में तीनों देवताओं ब्रह्मा विष्णु और महेश का मिलन है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है “गायत्री छन्दसामहम्” जिसका मतलब है की मैं स्वयं ही गायत्री मंत्र हूं।
Meaning of Gayatri Mantra in Hindi गायत्री मंत्र का अर्थ
गायत्री मंत्र का अर्थ हमने इस टेबल में समझाया है बाई तरफ संस्कृत के शब्द लिखे गए हैं और दाएं तरफ उसका हिंदी में अर्थ लिखा गया है इससे आपको इस मंत्र को बेहतर तरीके से समझने में सहायता मिलेगी और इस मंत्र के एक-एक शब्द का अर्थ आप आसानी से समझ पाएंगे।
संस्कृत शब्द | हिंदी अर्थ |
ॐ | सर्वरक्षक परमात्मा परब्रह्मा |
भू: | भूलोक |
भुव: | दुख विनाशक |
स्व: | सुखस्वरूप है |
तत | वह |
सवितुर | सूर्य की तरह उज्जवल |
वरेण्यम | पूजनीय |
भर्गो | अज्ञान तथा पाप निवारक |
देवस्य | प्रभु |
धीमहि | हम ध्यान करते है |
धियो | बुद्धि |
यो | जो |
नः | हमारी |
प्रचोदयात् | हमें शक्ति दें |
गायत्री मंत्र का अर्थ Gayatri Mantra Meaning In Hindi
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् : सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र के चमत्कार
गायत्री मंत्र के फायदे तो कई सारे हैं। जो साधक नियमित रूप से गायत्री मन्त्र का जाप करते हैं उन्हें गायत्री साधना के प्रत्यक्ष चमत्कार देखने को मिलते हैं। गायत्री मंत्र जाप से दरिद्रता का नाश होता है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। त्वचा में चमक आती है और उत्साह का संचार होता है। जैसे जैसे आप की साधना बढ़ती जाती है वैसे वैसे आपको पूर्वाभास होने लगता है, आशीर्वाद देने की शक्ति बढ़ने लगती है और इसके साथ ही स्वप्न सिद्धि की प्राप्ति होती है।
लोभ, क्रोध, मोह इत्यादि मानसिक विकार कम होने लगते हैं और व्यक्ति शांत रहने लगता है। अगर विद्यार्थी इस मंत्र का जाप करें तो विद्या प्राप्ति में सहायता मिलती है, एकाग्रता में वृद्धि होती है और पाठ किया हुआ सबक याद रहता है। इसके अलावा इसके कई अन्य फायदे भी हैं। इसके जाप से संतान सम्बन्धी परेशानियां दूर होती हैं, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, विवाह में आ रही बाधा दूर होती है और शारीरिक रोग दूर होते हैं। गायत्री मंत्र का जाप करने से कई प्रकार के रोग जैसे की चेचक, नेत्ररोग और पेट सम्बन्धी रोग दूर होते हैं।
गायत्री मंत्र के नियम
गायत्री मंत्र सिद्धि के लिए आपको नियम का पालन करना आवश्यक है। गायत्री मंत्र का उच्चारण हमेशा सही करें और इस बात का ध्यान रखें की इसमें कोई त्रुटि ना हो। गायत्री मंत्र जाप सूर्योदय से पूर्व करना चाहिए। इसका जाप करते वक़्त आपका ध्यान पूरी तरह से मंत्र जाप पर होना चाहिए और इस मन्त्र के हर शब्द को अच्छी तरह से उच्चारण करते हुए बंद आँखों से इसका जाप करना चाहिए।