चंद्रयान-3 नें अपनी 3.84 लाख किलोमीटर की लंबी यात्रा शुरू कर दी है. चंद्रयान-3 करीबन 42 दिनों में चंद्रमा पर पहुचेगा. इसे LVM-3 रॉकेट द्वारा 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर पंहुचा दिया गया. इससे आगे की यात्रा चंद्रयान-3 अब स्वयं करेगा. आइये आपको बताते हैं कि चंद्रयान-3 कहां लैंड करेगा और इस बार इसमें किस प्रकार के बदलाव हुए हैं?
Chandrayaan-3 launch date
Chandrayaan-3 को 14 July 2023 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है. ये चंद्रयान 23-24 अगस्त के बीच किसी समय चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मैंजिनस-यू (Manzinus-U) क्रेटर के पास लैंड करेगा. चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट से पृथ्वी से 179 किलोमीटर ऊपर तक ले जाया गया. LVM3-M4 राकेट ने मात्र 16:15 मिनटों में चंद्रयान-3 को आगे की यात्रा के लिए अंतरिक्ष में धकेल दिया.
इस बार चंद्रयान-3 को LVM3 रॉकेट द्वारा 170X36,500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में पहुचाया गया है. पिछली बार चंद्रयान-2 को 45,575 किलोमीटर की कक्षा में पहुचाया गया था. इस बार इस कक्षा का चुनाव चंद्रयान-3 को ज्यादा स्थिरता देने के लिए किया गया है.
चंद्रयान-3 धरती और चंद्रमा के 5-5 चक्कर लगाएगा
इसरो के एक वैज्ञानिक के अनुसार 170X36,500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट के जरिए चंद्रयान की ट्रैकिंग और ऑपरेशन पहले से ज्यादा आसान होगी. चंद्रमा तक पहुचने से पहले चंद्रयान-3 को धरती के कम से कम पांच चक्कर लगाने होंगे.
इसके उपरांत चंद्रयान-3 ट्रांस लूनर इंसरशन (TLI) कमांड दिए जाएंगे. फिर चंद्रयान-3 सोलर ऑर्बिट पर अपनी यात्रा प्रारंभ करेगा. 31 जुलाई तक TLI को पूरा करने के बाद चंद्रयान करीबन साढ़े पांच दिनों तक चंद्रमा की तरफ यात्रा करेगा. फिर चंद्रमा की बाहरी कक्षा में पांच अगस्त के आसपास चंद्रयान-3 प्रवेश कर जायेगा. अगर सबकुछ सामान्य स्थिति में रहता है तो ये सभी गणनाएं सही रहेंगी. अगर किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी होती है तो इसमें समय बढ़ भी सकता है.