types of nutrients

शरीर के लिए ज़रूरी पोषक तत्व Types of Nutrients

स्वस्थ रहना हर मनुष्य का सपना होता है लेकिन क्या आप जानते हैं की स्वस्थ रहने के लिए किन किन पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। आज हम शरीर के लिए ज़रूरी पोषक तत्वों के बारे में जानेंगे।

प्रोटीन

हमारे विकास व स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। प्रोटीन द्वारा हमारे शरीर का नवनिर्माण होता रहता है। यदि भोजन में प्रोटीन की कमी हो जाए तो विकास-क्रम रुक जाता है। शरीर को स्वस्थ रखने, उसे विकसित करने, लंबाई तथा भार बढ़ाने के लिए प्रोटीन की प्रबल आवश्यकता होती है। नेशनल रिसर्च काउंसिल ऑफ ब्रिटेन ने एक व्यक्ति के लिए उतने ही ग्राम प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता बताई है जितने किलोग्राम उसके शरीर का वजन हो। अर्थात किसी व्यक्ति का वजन 60 कि.ग्रा. है तो उसे नित्य 60 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होगी।

प्रोटीन का प्रमुख कार्य दैनिक कार्यों में हुई शारीरिक क्षति की पूर्ति करना तथा शरीर के थके तंतुओं को स्फूर्तिवान बनाना है। प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत दूध पनीर मुर्गी, मछली व अंडे माने जाते हैं। इसके अलावा दालें, सोयाबीन, अनाज, मूंगफली, तिल, काजू, खजूर, मेथी, जीरा, गाजर की पत्ती, सहजन में भी प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मिलता है।

कार्बोहाइड्रेट

शरीर को शक्ति तथा गर्मी पहुंचाना ही कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख कार्य है। जिस प्रकार ईंधन जलकर गर्मी देता है ठीक उसी तरह कार्बोहाइड्रेट भी शरीर को गर्मी प्रदान करता है। इस गर्मी को ‘कैलोरी’ में मापा जाता है। एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट से 4.1 कैलोरी मिलती है। शारीरिक श्रम करनेवाले व्यक्ति को मानसिक कार्य करनेवाले व्यक्ति से अधिक कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है। कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोत आलू, आटा, मेकरोनी, चावल व चीनी हैं।

वसा

हमारे शरीर के लिए वसा शक्ति का खजाना है। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की जितनी मात्रा से जितनी शक्ति प्राप्त होती है उतनी ही वसा की मात्रा से दुगनी से भी अधिक शक्ति प्राप्त होती है। शरीर की लगभग 25 प्रतिशत ऊर्जा की आवश्यकता वसा द्वारा ही पूरी की जाती है। शक्ति का खजाना होने के अतिरिक्त शरीर में वसा के कई अन्य उपयोग भी हैं, जैसे त्वचा की सुंदरता व चमक, चर्म रोगों से बचाव, मांसपेशियों को दृढ़ बनाना, बाहरी तापमान के आकस्मिक परिवर्तन से शरीर का बचाव करना | दूध,दही, माखन, मलाई, घी, तेल, अखरोट, बादाम, पिस्ता, नारियल गिरी, मूंगफली, तिल, सोयाबीन अजवाइन, जीरा व धनिया आदि वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत हैं।

खनिज लवण

भोजन में जिस प्रकार प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व वसा की जरूरत होती उसी प्रकार शरीर के लिए खनिज तत्त्वों की भी प्रबल आवश्यकता होती है। खनिज लवण प्रमुख रूप से 18 प्रकार के माने जाते हैं किंतु हम इनमें से कैल्सियम व लौह तत्त्वों की अधिक आवश्यकता होती है। कैल्सियम प्रमुखतः हड्डियों के निर्माण में सहायक होता है। यह दूध, दही, गुड़, सुपारा, नीबू तरबूज, अखरोट, इमली, उड़द, प्याज, बादाम, चुकंदर, पान, चीलाई, खजर किशमिश, सोयाबीन, भिंडी, अरहर, इलायची तथा पनीर में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

लौह तत्त्व रक्त को शक्ति प्रदान करते हैं तथा रक्त की कमी पूर्ति व साथ-साथ उसका रंग लाल बनाए रखते हैं। इस तत्त्व की शरीर को दैनिक आवश्यकता केवल 20 से 30 मि.ग्रा. है। लौह तत्त्व प्रमुखत: मूंग, सोयाबीन, चौलाई, पुदीना, गुड़, खजूर, करौंदा, इमली, अजवाइन, राई सरसों, मेथी, पालक, चने की पत्ती, काली मिर्च, धनिया, हल्दी, पिस्ता सहजन तथा नीम फागुनी में पाया जाता है |

इन तत्त्वों के अलावा आयोडीन, जस्ता, एल्यूमीनियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, मसूड़ कोबाल्ट, तांबा, फास्फोरस, सोडियम आदि खनिज लवणों की भी शरीर क जरूरत होती है जो साधारणतया ताजा हरी सब्जियों से पूरी हो जाती है।

विटामिन

विटामिन को जीवन तत्त्व भी कहा जाता है। यह शरीर को रोगों से बचन की शक्ति प्रदान करते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने व शरीर की रासायनिक प्रक्रिया को सुचारु रूप से संपादित करने के लिए 15 प्रकार के विटामिनों का आवश्यकता होती है। इनमें से केवल विटामिन-डी ही हमारे शरीर में निर्मित  होता है, बाकी विटामिनों के लिए हम खाद्य पदार्थों पर ही निर्भर रहते हैं।

विटामिन ए

यह विटामिन दूध, मक्खन, हरी व पीली पत्तीवाली सब्जियों तथा पीले फलों में प्रमुखता से पाया जाता है | सब्जियों में यह ‘केरोटिन’ के रूप में पाया जाता है। बच्चों के विकसित होते शरीर को इनकी प्रबल आवश्यकता होती है। इसकी कमी से आंखों के रोग, अंधापन, फोड़े-फुंसी, जुकाम, खांसी व कान के रोग हो जाते हैं। फलों में यह पका आम, गाजर, पपीता, खजूर, काजू, अंजीर, केला, संतरा व अंजीर में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

विटामिन ‘बी’

शरीर को स्वस्थ रखने तथा उसकी पाचनक्रिया ठीक रखने के लिए इस विटामिन की आवश्यकता होती है। इसकी कमी से भूख बंद हो जाती है तथा अतिसार हो जाता है। नसों में सूजन आ जाती है तथा व्यक्ति बेरी-बेरी रोग का शिकार हो जाता है। स्नायु कमजोर पड़ जाते हैं तथा लकवा हो जाता कभी-कभी इस विटामिन की कमी से हृदयघात भी हो जाता है। यह विटामिन खमीर, चावल की भूसी, चोकर, दालों के छिलके, अंकुरित अनाज के अतिरिक्त दूध, ताजी सब्जी, मटर खाने के फायदे, आटा व खाद्यान्नों में प्रमुखता से पाया जाता है। फलों में यह सहजन, गाजर, चुकंदर, मूंगफली, अदरक, किशमिश, केला, खीरा व काजू में प्रचुरता से पाया जाता है।

विटामिन सी

यह विटामिन कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है इसकी कमी से जुकाम, खांसी, मसूड़ों तथा दांतों व त्वचा के रोग हो जाते हैं। पेट में अल्सर हो जाता है तथा अंदर की झिल्लियों से रक्त बहने लगता है। आंवला इस विटामिन की प्राप्ति का सबसे उपयुक्त माध्यम माना जाता है। एक छोटे आंवले में लगभग 2 संतरों के जितना विटामिन सी पाया जाता है। आंवले में यह भी विशेषता होती है कि उसे सुखाने या पकाने पर भी उसका विटामिन बहुत कम मात्रा में नष्ट होता है। इसके अलावा यह पत्तागोभी, सहजन, हरा धनिया, हरी मिर्च, अमरूद, करेला, शलगम, पपीता, पालक, संतरा, नींबू, अनन्नास, अनार, पका आम, शकरकंद, मूली, बैंगन व प्याज में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

विटामिन डी

विटामिन ‘डी’ का विशेष महत्त्व है। छोटे बच्चों के लिए यह विशेष रूप से जरूरी होता है। बच्चे इसकी कमी से रिकेट्स नामक रोग से ग्रस्त हो जाते हैं, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं, टांगे कमज़ोर व विकृत हो जाती हैं | विटामिन ‘डी’ की कमी से दांतो का विकास भी ठीक तरह से नहीं हो पाता हैं |

सूर्य की किरणें इस विटामिन की प्राप्ति का सबसे उपयुक्त साधन हैं इसलिए इस विटामिन की प्राप्ति के लिए बच्चों को नित्य नंगे बदन कुछ समय तक धूप में रखना चाहिए। तिल के तेल की मालिश के बाद धूप-स्नान किया जाए तो विशेष लाभ होता है। इसके अलावा दूध, मक्खन, मलाई, मूंगफली, में विटामिन ‘डी’ पाया जाता हैं |

विटामिन ‘ई’

शरीर में लाल रक्तकणों के निर्माण में सहायक होता है। यह विटामिन सेक्स से संबंधित है। इसकी कमी से महिलाएं गर्भधारण नहीं का पातीं। बार-बार गर्भपात होना इसी विटामिन की कमी का परिणाम माना जाना है। यह विटामिन अनाज व अंडे के छिलकों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

Conclusion आज के सीख

आज आपने जाना की मानव शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन से हैं। अगर हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करें और हमें ईमेल के द्वारा सब्सक्राइब करें।

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