Raja Mahendra Pratap Singh Biography – जानिए राजा महेंद्र प्रताप सिंह के जीवन के बारे में सब कुछ।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, लेखक, क्रांतिकारी, भारत की अनंतिम सरकार में राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 1915 में काबुल से प्रथम विश्व युद्ध के दौरान निर्वासन में भारत सरकार और भारत गणराज्य में समाज सुधारक के रूप में कार्य किया।राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं और उन्होंने ही भारत की पहली निर्वासित सरकार बनाई थी। उन्होंने समाज की भलाई के लिए कई प्रकार के संस्थान खोले थे।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह पहले भारतीय थे जिन्होंने वर्ष 1915 में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारत सरकार का गठन किया था।राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 1 दिसंबर अट्ठारह सौ छियासी को अलीगढ़ के मुरसान राजघराने में हुआ था लेकिन कहा जाता है कि उन्हें हाथरस के राजा हरनारायण सिंह ने गोद ले लिया था और उन्हें फिर अपना वारिस घोषित कर दिया था 1914 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह जब सिर्फ 28 वर्ष के थे तब वह भारत से बाहर चले गए थे और वह चाहते थे कि वह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ दुनिया के अलग-अलग देशों का समर्थन हासिल करें।राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने ही अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) को अपनी निजी ज़मीन दान में दी थी।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह जाट समुदाय के थे और हाथरस के राजा थे। उनका पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुत ही सम्मान है और यहाँ के लोग आज भी उनका गुणगान करते नहीं थकते। उन्होंने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को ढाई एकड़ ज़मीन दान में दी थी और वो भी उनकी निजी ज़मीन। उन्होंने अपनी सम्पति का करीब 60% शैक्षणिक संस्थानों को दान में दे दिया था।
जीवनकाल / Life
राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 1 December 1886 को उत्तर प्रदेश के मुरसान जमींदार एस्टेट में एक जाट परिवार में हुआ था। वो राजा घनश्याम सिंह के तीसरे बेटे थे। उन्हें आर्यन पेशवा के नाम से भी जाना जाता है। उनकी मृत्यु 29 April 1979 को हुई थी।
Raja Mahendra Pratap Singh Biography
Name | Raja Mahendra Pratap Singh |
Father | Ghanshyam Singh |
Wife | Balveer Kaur |
Birthday | 1 December 1886 |
Died | 29 April 1979 |
School | Govt. High School Aligarh |
Graduation | AMU was formerly known as Muhammadan Anglo-Oriental College Aligarh |
Nationality | Indian |