Holi Kyu Manate Hai होली क्यों मनाते हैं

जीवन को रंगीन बनाने के लिए रंग महोत्सव जरूरी है हिंदुस्तान में हम लोग त्योहारों को बहुत रंग उल्लास के साथ मनाते हैं। रंग का त्यौहार आते ही सभी लोगों में एक नया उमंग और जोश देखने को मिलता है। आइये कुछ शब्दों में आपको बता देते हैं holi kyu manate hai.

Holi Kya Hai

होली हिंदुओं का एक बहुत महत्वपूर्ण पर्व है जिसमे सभी लोग तरह-तरह के रंगों के रंग में रंगे दिखाई पड़ते हैं इसके 1 दिन पहले होलिका दहन मनाई जाती है। धार्मिक ग्रंथों के हिसाब से होलिका दहन को होलीका दीपक या छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर सभी लोग एक दूसरे के घर जा जाकर और आपस में गले लग कर एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर और बड़ों का आशीर्वाद लेकर एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं।

होली ऐसा त्यौहार है जिसमे हिन्दुओं के अलावा दूसरे धर्म के लोग भी बढ़ चढ़ के हिस्सा लेते हैं और होली के रंग में रंग जाते हैं। वास्तव में होली के त्यौहार का सन्देश भी यही है की सब मिलके रहो और दुश्मनी को भूला के दोस्त बन जाओ। अगर आप भी सचमुच होली मानना चाहते हैं तो उन लोगों को माफ़ करना सीखिए जिन्होंने कभी आपके साथ बुरा किया था।

होली के त्यौहार का एक बहुत बड़ा अर्थ है जो ये कहता है की मन से बुराइओं को दूर हटाओ, आपस की दुश्मनी भुलाओ और सबके गले मिल जाओ। अपने दुश्मनों को भी क्षमा करदो और मन से सभी प्रकार की कटुता और बदले की भावना से मुक्त हो जाओ। आइये अब ये जानते हैं की holi kyu manate hai और इसकी शुरुवात कैसे हुई।

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Prahlad story in hindi

होली हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है जिसमे होलिका दहन किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिरण्यकष्यप नाम के एक महाबलशाली असुर था जो भगवान विष्णु से अत्यंत द्वेष रखता था और स्वयं को भगवान विष्णु से भी बड़ा समझता था। ईश्वर की कृपा देखिये उसके स्वयं के बेटे प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे और सदैव भगवान विष्णु की पूजा और तपस्या में डूबे रहते थे। ये बात हिरण्यकष्यप को कांटे की तरह चुभती थी और वो हमेशा भक्त प्रह्लाद को विष्णु जी की पूजा पाठ ना करने की हिदायत देता रहता था।

हिरण्यकष्यप के कई बार मना करने के बावजूद जब प्रह्लाद अपने भक्ति मार्ग से टस से मस नहीं हुए तो हिरण्यकष्यप ने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई। होलिका को ये वरदान प्राप्त था की वो अग्नि में नहीं जलेगी और इसी का फायदा उठा कर हिरण्यकष्यप ने होलिका से कहा की वो प्रह्लाद को लेके अग्नि में बैठ जाये इससे होलिका का तो कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन प्रह्लाद की मृत्यु निश्चित है। होलिका जो की एक राक्षसी थी उसने अपने भाई की आज्ञानुसार वैसा ही किया।

लेकिन ईश्वर की लीला देखिये आग में होलिका ही भष्म हो गयी और भक्त प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ। इसी कारण से हर साल होली से पहले होलिका दहन किया जाता है और ईश्वर से ये प्रार्थना की जाती है की हमारे अंदर की सभी बुराइयां और बुरे विचारों को वो होलिका दहन की अग्नि में भष्म कर दें। तो अब आप समझ गए होंगे की holi kyu manate hai.

2021 Mein Holi Kab Hai

साल 2021 में होली की तारीख 28 मार्च 2021 को है जिस दिन रविवार पड़ता है।

होलिका दहन 2021 का शुभ मुहूर्त

शाम 6:36 से रात्रि 8:56 तक है

आज की शिक्षा

आज आपने सीखा की Holi kya hai और holi kyu manate hai और साथ में अपने जाना की 2021 mein Holi kab है अगर आपको हमारा ये लेख अच्छा लगा हो तो आप इसे आपके सोशल मीडिया पर शेयर करें और आपके विचार हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।

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